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“फलों का राजा” अपनी मिठास, रसीलेपन और अनूठे स्वाद के कारण पूरी दुनिया में पसंद किया जाता है

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फलों का राजा

Spacial News: आम को भारत में “फलों का राजा” कहा जाता है, और यह अपनी मिठास, रसीलेपन और अनूठे स्वाद के कारण पूरी दुनिया में पसंद किया जाता है. गर्मी के मौसम में इसकी उपलब्धता इसे और भी खास बना देती है, क्योंकि यह शरीर को ठंडक और ताजगी देने के साथ-साथ कई स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है. भारत के विभिन्न हिस्सों में आम की सैकड़ों किस्में पाई जाती हैं, जिनमें से हर एक का अपना विशिष्ट स्वाद, सुगंध और बनावट होती है।

आम और भारतीय संस्कृति

आम केवल एक फल नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक अभिन्न अंग है. प्राचीन काल से ही आम को शुभ माना जाता रहा है और इसका उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों, त्योहारों और समारोहों में किया जाता है. आम के पत्तों का इस्तेमाल सजावट के लिए होता है, और कई शुभ कार्यों में आम्रपल्लव का विशेष महत्व होता है. कवियों और लेखकों ने भी आम की महिमा का बखान किया है, और यह भारतीय साहित्य, कला और लोककथाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है. आम के बागान ग्रामीण भारत की पहचान हैं, और गर्मियों में पेड़ों पर लटके आमों को देखना एक मनमोहक दृश्य होता है।

गर्मी में आम का महत्व

गर्मी के मौसम में आम का सेवन कई तरह से फायदेमंद होता है. यह शरीर में पानी की कमी को पूरा करने में मदद करता है और डिहाइड्रेशन से बचाता है. आम में मौजूद विटामिन C और अन्य एंटीऑक्सीडेंट गर्मी से होने वाले तनाव को कम करने में मदद करते हैं और शरीर को तरोताजा रखते हैं. इसके अलावा, आम में फाइबर भी भरपूर मात्रा में होता है, जो पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है. यह लू लगने और गर्मी से जुड़ी अन्य समस्याओं से बचाव में भी सहायक होता है. आम का गूदा, जूस, शेक या आमरस किसी भी रूप में इसका सेवन गर्मी में राहत पहुंचाता है।

आम की विविध किस्में

भारत में आम की किस्मों की एक विशाल श्रृंखला है, जिनमें से प्रत्येक की अपनी अनूठी पहचान है. कुछ प्रसिद्ध किस्में इस प्रकार हैं:
अल्फांसो (हापुस): महाराष्ट्र का अल्फांसो अपनी उत्कृष्ट गुणवत्ता, सुनहरे रंग और मीठे स्वाद के लिए विश्व प्रसिद्ध है. इसे अक्सर “आमों का राजा” कहा जाता है और यह निर्यात के लिए सबसे पसंदीदा किस्मों में से एक है।

दशहरी: उत्तर प्रदेश में उगाया जाने वाला दशहरी एक पतला, लंबा आम होता है जिसमें बहुत कम फाइबर होता है और इसका स्वाद बहुत मीठा होता है।

लंगड़ा: वाराणसी का लंगड़ा अपने विशिष्ट हरे रंग और तीखे-मीठे स्वाद के लिए जाना जाता है।

तोतापरी: यह आम दक्षिण भारत में उगाया जाता है और इसका आकार तोते की चोंच जैसा होता है. इसका स्वाद थोड़ा खट्टा होता है और इसका उपयोग अक्सर अचार और चटनी बनाने में किया जाता है।

केसर: गुजरात का केसर आम अपने सुनहरे रंग और शानदार सुगंध के लिए प्रसिद्ध है, खासकर आइसक्रीम और डेसर्ट में इसका उपयोग होता है।

चौसा: यह उत्तर प्रदेश और बिहार में उगाया जाता है और अपनी असाधारण मिठास और सुगंध के लिए जाना जाता है।

मालदा (फजली): यह पश्चिम बंगाल और बिहार में उगाया जाने वाला एक बड़ा आम है, जिसका उपयोग अक्सर डेसर्ट और जूस के लिए किया जाता है।
यह कुछ प्रमुख किस्में हैं, लेकिन भारत के विभिन्न राज्यों में और भी कई स्थानीय और क्षेत्रीय किस्में पाई जाती हैं, जो अपने-अपने क्षेत्रों में लोकप्रिय हैं।

आम का वैश्विक प्रसार

भारत दुनिया में आम का सबसे बड़ा उत्पादक है, और यहां से आम का निर्यात दुनिया के कई हिस्सों में होता है. भारतीय आमों की गुणवत्ता और विविधता की वजह से इनकी विदेशों में बहुत मांग है. अमेरिका, यूरोप, मध्य पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया जैसे देशों में भारतीय आमों को खूब पसंद किया जाता है. यह न केवल भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कृषि उत्पाद है, बल्कि यह अपनी संस्कृति और स्वाद को भी वैश्विक मंच पर ले जाता है।

आम केवल एक स्वादिष्ट फल नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक प्रतीक, पोषण का स्रोत और गर्मी के मौसम में ताजगी का पर्याय है. इसकी विविध किस्में और बहुमुखी उपयोग इसे भारत की एक अनमोल देन बनाते हैं, जो हर साल लाखों लोगों को आनंदित करता है।

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