ज़िंदगी हमेशा वैसी नहीं होती जैसी हम चाहते हैं। कभी चादर छोटी पड़ जाती है, कभी तकिया कठोर निकल आता है, और कभी बिस्तर ही गायब।...
ज़माना बदल गया है। कभी शराफ़त का मतलब था — सादगी, ईमानदारी और साफ़ दिल। लेकिन अब? अब जो दिखने में शरीफ़ लगता है, उसके अंदर...