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‘हरित संजीवनी’ के साथ हरित क्रांति की ओर बढ़ते कदम

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हरित संजीवनी

Agriculture: आज हमारा देश एक गंभीर चुनौती का सामना कर रहा है। रासायनिक खेती का बढ़ता उपयोग। किसान अधिक पैदावार और मुनाफे के लालच में अनजाने में अपनी ही ज़मीन को बंजर बना रहे हैं और साथ ही हमारे भोजन को भी जहरीला कर रहे हैं। इन जहरीले रसायनों का अंधाधुंध इस्तेमाल न केवल मिट्टी की उर्वरता को नष्ट कर रहा है, बल्कि हमारे स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। यह एक ऐसा दुष्चक्र है जिससे बाहर निकलना बेहद ज़रूरी है। हरित संजीवनी

इसी गंभीर समस्या को समझते हुए, आरसीएम कंपनी ने ‘जहर मुक्त खेती की ओर बढ़ते कदम’ और ‘हरित क्रांति की ओर बढ़ते कदम’ के लक्ष्य के साथ एक क्रांतिकारी पहल की है। आरसीएम का मानना है कि टिकाऊ और स्वस्थ कृषि पद्धतियां ही हमारे भविष्य को सुरक्षित कर सकती हैं। इस दिशा में आरसीएम का प्रमुख उत्पाद ‘हरित संजीवनी खाद’ एक गेम चेंजर साबित हो रहा है। हरित संजीवनी

हरित संजीवनी: मिट्टी को बंजर होने से बचाएं

आरसीएम की हरित संजीवनी खाद रासायनिक खादों का एक प्रभावी और सुरक्षित विकल्प है। यह उत्पाद विशेष रूप से किसानों को कम लागत में अधिक उपज प्राप्त करने और साथ ही मिट्टी के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

हरित संजीवनी के फायदे

मिट्टी का स्वास्थ्य सुधार: यह खाद मिट्टी की संरचना को बेहतर बनाती है, जिससे उसकी जल धारण क्षमता और वायु संचार में सुधार होता है। यह मिट्टी में सूक्ष्मजीवों की गतिविधियों को बढ़ावा देती है, जो पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ाते हैं और मिट्टी को फिर से जीवंत करते हैं।

कम लागत में अधिक उपज: हरित संजीवनी के इस्तेमाल से किसानों को रासायनिक खादों और कीटनाशकों पर होने वाले खर्च में कमी आती है। यह पौधों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान कर उनकी वृद्धि को बढ़ावा देती है, जिससे अंततः पैदावार बढ़ती है।

फसलों की गुणवत्ता में सुधार: यह खाद फसलों को अधिक स्वस्थ और रोग प्रतिरोधी बनाती है, जिससे रासायनिक कीटनाशकों की आवश्यकता कम हो जाती है। इसके परिणामस्वरूप, हमें अधिक पौष्टिक और रसायनों से मुक्त भोजन मिलता है।

पर्यावरण संरक्षण: हरित संजीवनी पर्यावरण के लिए पूरी तरह सुरक्षित है। यह न तो मिट्टी को प्रदूषित करती है और न ही भूजल को दूषित करती है। यह जैव विविधता को बनाए रखने में भी मदद करती है।

बंजर होने से बचाए मिट्टी को: रासायनिक खादों के लगातार इस्तेमाल से मिट्टी अपनी प्राकृतिक उर्वरता खो देती है और धीरे-धीरे बंजर हो जाती है। हरित संजीवनी इस प्रक्रिया को रोकती है और मिट्टी को उसकी प्राकृतिक स्थिति में वापस लाने में मदद करती है, जिससे भूमि लंबे समय तक उपजाऊ बनी रहती है।

आरसीएम का ‘हरित क्रांति’ का दृष्टिकोण

आरसीएम केवल एक उत्पाद बेचने वाली कंपनी नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक मिशन पर काम कर रही है। उनका लक्ष्य है भारत में एक ऐसी हरित क्रांति लाना जो स्थायी हो और सभी किसानों के लिए फायदेमंद हो। इस दृष्टिकोण में शामिल हैं:

जागरूकता बढ़ाना: आरसीएम किसानों को रासायनिक खेती के नुकसान और जैविक खेती के फायदों के बारे में शिक्षित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

प्रशिक्षण और समर्थन: कंपनी किसानों को हरित संजीवनी और अन्य जैविक उत्पादों का सही तरीके से उपयोग करने के लिए प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करती है।

नेटवर्क का निर्माण: आरसीएम एक मजबूत नेटवर्क बना रहा है ताकि हरित संजीवनी जैसे उत्पाद हर किसान तक आसानी से पहुंच सकें।

यह स्पष्ट है कि आरसीएम का ‘जहर मुक्त खेती की ओर बढ़ते कदम’ केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक ठोस कार्य योजना है। हरित संजीवनी इस योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो किसानों को सशक्त कर रहा है, मिट्टी को बचा रहा है और हमारे समाज को स्वस्थ भोजन प्रदान कर रहा है। यह वास्तव में हरित क्रांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण और सराहनीय कदम है।

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