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अमरोहा में विधान मंडल की प्रतिनिहित विधायन समिति की समीक्षा बैठक

Amroha news: उत्तर प्रदेश विधान मंडल की प्रतिनिहित विधायन समिति ने आज अमरोहा में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की, जिसकी अध्यक्षता माननीय सभापति विपिन कुमार डेविड ने की। इस बैठक में समिति के सदस्य रामवीर सिंह, गणेश चौहान और अरुण पाठक भी उपस्थित रहे। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित इस प्रथम उप-समिति की समीक्षा बैठक का मुख्य उद्देश्य जनपद में चल रहे विकास कार्यों और जनसुविधाओं की स्थिति का जायजा लेना था।
मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अश्विनी कुमार मिश्र ने माननीय सभापति महोदय को जनपद में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। इसके बाद, समिति ने राज्य कर विभाग, पंचायती राज, बेसिक शिक्षा, पर्यटन, परिवहन, वन विभाग, चिकित्सा, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), नगर निकाय और राजस्व सहित अन्य संबंधित विभागों के कार्यों की गहन समीक्षा की।
विभिन्न विभागों की समीक्षा और महत्वपूर्ण निर्देश
राज्य कर विभाग: माननीय सभापति महोदय ने राज्य कर विभाग की समीक्षा करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी परिस्थिति में व्यापारियों का शोषण नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि व्यापार कर विभाग द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं का लाभ व्यापारियों तक पहुंचे। व्यापारियों के साथ नियमित बैठकें आयोजित करने और उनकी समस्याओं का प्राथमिकता से समाधान करने पर जोर दिया गया। इसके अतिरिक्त, धारा 124, 125 और 129 के तहत की गई कार्रवाइयों की जानकारी ली गई और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
नगर निकाय: नगर निकायों की समीक्षा के दौरान, ‘वंदन योजना’ के तहत किए गए कार्यों की जानकारी ली गई। लंबित कार्यों, जारी की गई धनराशि और कार्य पूरा करने की समय-सीमा के बारे में पूछताछ की गई। सभापति महोदय ने इस योजना को सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल बताते हुए अधिकारियों को इसमें किसी भी प्रकार की अनदेखी न करने और ईमानदारी से कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन को नियमित करने और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को प्रभावी ढंग से लागू करने पर भी जोर दिया।
जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र: नगर निकायों और पंचायती राज विभाग को जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र प्राथमिकता के आधार पर जारी करने का निर्देश दिया गया, ताकि कोई भी आवेदन लंबित न रहे।
पंचायती राज विभाग: पंचायती राज विभाग की समीक्षा में सामुदायिक शौचालयों और पंचायत सचिवालयों की वर्तमान स्थिति की जानकारी ली गई। लापरवाही बरतने वाले सफाई कर्मियों और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकता से कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। सभापति महोदय ने पिछले खर्चों में लापरवाही पर की गई कार्रवाई की भी जानकारी मांगी। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि सभी पंचायत घरों और प्राथमिक विद्यालयों में सफाई कर्मियों के मोबाइल नंबर और नाम प्रदर्शित किए जाएं।
प्रत्येक सफाई कर्मी की जिम्मेदारी तय करने का भी निर्देश दिया गया, जिसमें उनके कार्यक्षेत्र और समय-सीमा का निर्धारण शामिल था। इसके अलावा, पंचायती राज विभाग में लापरवाह और अनधिकृत निजी बाबुओं के काम पर निगरानी रखने पर जोर दिया गया।
राजस्व विभाग: अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) धीरेंद्र प्रताप ने जनपद में पट्टा आवंटन के लक्ष्यों और मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना के लंबित मामलों की जानकारी दी। सभापति महोदय ने निर्देश दिए कि दुर्घटना बीमा योजना के तहत आवंटित धनराशि का तत्काल वितरण किया जाए और कोई भी मामला लंबित न रहे।
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और परिवहन विभाग:
अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी से नई सड़कों की स्वीकृति, निर्माणाधीन सड़कों और मरम्मत योग्य सड़कों की जानकारी ली गई। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी उपाय करने के भी निर्देश दिए गए। अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी और संभागीय परिवहन अधिकारी को संयुक्त रूप से सड़क सुरक्षा समिति की नियमित बैठकें आयोजित करने और दुर्घटना संभावित ‘ब्लैक स्पॉट’ को चिन्हित करने का निर्देश दिया गया।
बेसिक शिक्षा विभाग: बेसिक शिक्षा विभाग को छात्रों के नए नामांकनों को डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) योजना के तहत लाभ दिलाने का निर्देश दिया गया, यह सुनिश्चित करते हुए कि सत्यापन के बाद कोई भी मामला लंबित न रहे। बेसिक शिक्षा अधिकारी को कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में अध्यनरत बच्चों को अच्छा भोजन और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने का भी निर्देश दिया गया।
वन विभाग: जिला वन अधिकारी से पौधरोपण की जानकारी ली गई। सभापति महोदय ने मिट्टी परीक्षण के आधार पर उपयुक्त पौधों का चयन करने और रोपण के बाद उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया, ताकि पिछले वर्ष लगाए गए पौधे सुरक्षित रहें।
चिकित्सा विभाग: मुख्य चिकित्सा अधिकारी से अस्पतालों में डॉक्टरों और दवाओं की उपलब्धता की जानकारी ली गई। उन्होंने निर्देश दिए कि स्टोर में सभी आवश्यक दवाएं उपलब्ध हों और दवाओं की सूची बोर्ड पर प्रदर्शित की जाए।
खनन विभाग: खनन की समीक्षा करते हुए किसानों से मिट्टी खदानों से संबंधित आवेदनों और लगाए गए जुर्माने की जानकारी ली गई। सभापति महोदय ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि किसानों को मिट्टी से संबंधित किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े।
बैठक के समापन के बाद, माननीय सभापति महोदय और समिति के सदस्यों ने कलेक्ट्रेट परिसर में वृक्षारोपण किया। इस अवसर पर जिलाधिकारी श्रीमती निधि गुप्ता, मुख्य विकास अधिकारी अश्वनी कुमार मिश्र, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) बृजेश त्रिपाठी, अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) धीरेंद्र प्रताप, परियोजना निदेशक अमरेंद्र प्रताप सहित अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित रहे।
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