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दस वर्षों से कांवड़ियों की निःस्वार्थ सेवा कर रहे राजीव बंसल

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कांवड़ियों की निःस्वार्थ सेवा

Kawad Yatra: ढवारसी गांव के निवासी राजीव बंसल पिछले एक दशक से अधिक समय से कांवड़ियों की निःस्वार्थ सेवा में समर्पित हैं। यह केवल एक सामाजिक कार्य नहीं, बल्कि उनकी गहरी आस्था और निःस्वार्थ भाव का प्रतीक है। हर साल सावन माह की शिवरात्रि पर, जब लाखों कांवड़िए हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपनी यात्रा पर निकलते हैं, राजीव बंसल उनके लिए एक सहारा बनकर खड़े होते हैं।

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भंडारे का आयोजन

उनकी सेवा का मुख्य केंद्र भंडारे का आयोजन है। इस दौरान वह अपने सभी निजी कार्यों को किनारे रखकर पूरी निष्ठा और श्रद्धा के साथ कांवड़ियों की निःस्वार्थ सेवा में लीन हो जाते हैं। राजीव बंसल न केवल उनके लिए पौष्टिक भोजन और जलपान की व्यवस्था करते हैं, बल्कि उनकी यात्रा के दौरान आने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का भी पूरा ध्यान रखते हैं। वह हमेशा दवाइयां उपलब्ध रखते हैं ताकि किसी भी कांवड़िए को प्राथमिक उपचार या आवश्यक दवाओं के लिए भटकना न पड़े।

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समर्पण और लगन से कांवड़ियों की सेवा

राजीव बंसल की यह सेवा उन्हें क्षेत्र में एक विशेष पहचान दिला चुकी है। उनकी यह कांवड़ सेवा केवल ढवारसी ही नहीं, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी एक प्रेरणा का स्रोत बन गई है। दस वर्षों से लगातार अपने व्यक्तिगत सुख-सुविधाओं और कार्यों का त्याग कर समर्पण और लगन से कांवड़ियों की सेवा कर रहे हैं। वह समाज में निस्वार्थ सेवा और आस्था का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। एक व्यक्ति अपनी इच्छाशक्ति और भक्ति से दूसरों के लिए एक बड़ा सहारा बन सकता है।

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