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शिवरात्रि पर इस तरह करें शिवलिंग का जलाभिषेक

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शिवरात्रि

शिवलिंग का जलाभिषेक: शिवरात्रि हिन्दू धर्म में एक अत्यंत पावन और आध्यात्मिक महत्व रखने वाला पर्व है, जिसे भगवान शिव के भक्त विशेष श्रद्धा और भक्ति से मनाते हैं। इस दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है और भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं। यह पर्व वर्ष में दो बार आता है, जिसमें “महाशिवरात्रि” सबसे प्रमुख होती है।

इस लेख में हम जानेंगे कि शिवरात्रि पर शिवलिंग का जलाभिषेक कैसे करें, कौन-कौन सी सामग्रियाँ उपयोगी होती हैं, और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

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शिवलिंग का जलाभिषेक करने की सही विधि

1. प्रातःकाल स्नान और संकल्प लें
शिवरात्रि के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे वस्त्र पहनें। फिर भगवान शिव की पूजा के लिए व्रत एवं अभिषेक का संकल्प लें।

2. पूजा स्थल और शिवलिंग की सफाई
जिस स्थान पर शिवलिंग स्थापित है, उसे साफ करें और शिवलिंग को जल से स्नान कराएं। घर पर यदि शिवलिंग नहीं है तो मंदिर जाकर पूजा कर सकते हैं।

3. शिवलिंग पर जल चढ़ाना (जलाभिषेक)
शिवलिंग पर शुद्ध गंगाजल, या स्वच्छ जल से अभिषेक करें। जल में थोड़ा सा दूध, शहद या केसर मिलाया जा सकता है। अभिषेक के समय “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।

4. पंचामृत अभिषेक करें (वैकल्पिक)
पंचामृत में दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण होता है। इससे शिवलिंग का अभिषेक करें और पुनः शुद्ध जल से स्नान कराएं।

5. बिल्वपत्र और पुष्प अर्पण करें
जलाभिषेक के बाद शिवलिंग पर बेलपत्र (बिल्वपत्र), सफेद पुष्प, धतूरा और भांग अर्पित करें। ध्यान रखें कि बेलपत्र तीन पत्तियों वाला और साबुत होना चाहिए।

6. धूप-दीप और आरती करें
भगवान शिव को धूप और दीप दिखाकर आरती करें। “ॐ त्र्यंबकं यजामहे” या “शिव तांडव स्तोत्र” का पाठ करना भी फलदायक होता है।

7. व्रत और ध्यान
शिवरात्रि का व्रत पूरे दिन रखा जाता है, जिसमें फलाहार लिया जाता है। रात्रि को चार प्रहर में पूजा की जाती है, जिसमें हर प्रहर में शिवलिंग पर दुग्ध, दही, घी, शहद और शक्कर से अभिषेक किया जाता है।

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जलाभिषेक करते समय ध्यान देने योग्य बातें

  • शिवलिंग पर ताम्बे के लोटे से जल चढ़ाना श्रेष्ठ माना गया है।
  • महिलाएं शिवलिंग को स्पर्श न करें, पर जलाभिषेक कर सकती हैं।
  • ताजे फूल और बेलपत्र ही उपयोग करें।
  • शिव पूजा में तुलसी पत्र का उपयोग वर्जित है।
  • शिवजी की पूजा में केवल सफेद वस्तुएं शुभ मानी जाती हैं।

शिवलिंग जलाभिषेक के लाभ

  • मानसिक शांति और आत्मिक संतुलन की प्राप्ति।
  • कष्टों और रोगों से मुक्ति।
  • जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन।
  • पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति।
  • दांपत्य जीवन में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है।

शिवलिंग का जलाभिषेक करना भगवान शिव से जुड़ने का माध्यम

शिवरात्रि पर शिवलिंग का जलाभिषेक करना न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह आत्मिक शुद्धता और भगवान शिव से जुड़ने का माध्यम भी है। सरलता से, श्रद्धा और नियमपूर्वक किया गया अभिषेक निश्चित रूप से भगवान शिव की कृपा दिलाने में सहायक होता है।

ॐ नमः शिवाय।

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