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धर्म

सावन के अंतिम सोमवार को कैसे करें शिव की पूजा, सम्पूर्ण विधि

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अंतिम सोमवार

सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है, और इस पावन महीने का हर सोमवार अत्यंत शुभ माना जाता है। लेकिन सावन का अंतिम सोमवार (Antim Sawan Somvar) विशेष महत्व रखता है। इस दिन की गई पूजा-अर्चना और व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है। यह दिन शिवभक्तों के लिए अपनी आस्था को व्यक्त करने का एक अनूठा अवसर होता है।

इस लेख में हम जानेंगे कि सावन के अंतिम सोमवार को शिव की पूजा कैसे करें, पूजन विधि, मंत्र, व्रत की महिमा और क्या करें व क्या न करें।


सावन के अंतिम सोमवार का महत्व

  • माना जाता है कि इस दिन शिव जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
  • विवाह, संतान सुख, नौकरी, और स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए इस दिन किया गया पूजन विशेष फलदायी होता है।
  • कुंवारी कन्याएं योग्य वर की प्राप्ति के लिए व्रत करती हैं। अंतिम सोमवार

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पूजा करने की विधि (Shiv Pooja Vidhi)

1. प्रातःकाल स्नान व संकल्प लें

  • सुबह जल्दी उठकर गंगाजल या स्वच्छ जल से स्नान करें।
  • व्रत का संकल्प लें और मन ही मन शिवजी का ध्यान करें।

2. शिवलिंग की स्थापना (यदि घर में संभव हो)

  • काले पत्थर या पारद शिवलिंग को लकड़ी के पाटे पर स्थापित करें।
  • पास में नंदी, माता पार्वती व गणेश जी की मूर्तियाँ भी रखें।

3. पूजा सामग्री (Samagri)

  • जल, दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल (अभिषेक हेतु)
  • बेलपत्र, धतूरा, आक, भस्म, चंदन, सफेद फूल
  • धूप, दीप, नैवेद्य, पंचामृत, कपूर, मिष्ठान्न अंतिम सोमवार

4. अभिषेक करें

  • सबसे पहले गंगाजल से शिवलिंग का शुद्धिकरण करें।
  • उसके बाद पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) से अभिषेक करें।
  • अंत में फिर से जल से स्नान कराएं।

5. बेलपत्र अर्पण करें

  • प्रत्येक बेलपत्र पर “ॐ नमः शिवाय” लिखकर शिवलिंग पर अर्पित करें।

6. मंत्रोच्चार करें

  • नीचे दिए गए मंत्रों का जप कम से कम 108 बार करें:
    • ॐ नमः शिवाय
    • ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्…
    • महामृत्युंजय मंत्र

7. आरती और भजन

  • “ॐ जय शिव ओंकारा” आरती करें।
  • शिव भजन गाएं और कपूर से आरती करके प्रसाद बांटें।

सावन के अंतिम सोमवार व्रत का नियम

  • इस दिन दिनभर उपवास रखें – फलाहार या एक समय भोजन करें।
  • किसी की निंदा, झूठ, क्रोध और मांसाहार से बचें।
  • ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें – विशेषकर वस्त्र, अन्न, और जल।

क्या करें और क्या न करें

करें (DOs)न करें (DON’Ts)
भगवान शिव को बेलपत्र, भांग, धतूरा चढ़ाएंतुलसी या केतकी का फूल चढ़ाना वर्जित है
शिव पुराण या शिव चालीसा का पाठ करेंझूठ बोलने या गुस्सा करने से बचें
गरीबों को भोजन व जल दान करेंव्रत के दौरान लहसुन-प्याज से परहेज करें

विशेष उपाय (Shiv Ke Upay)

  1. पारद शिवलिंग पर जल चढ़ाएं – रोगों से मुक्ति मिलेगी।
  2. काले तिल चढ़ाएं – बुरी नजर और शनि दोष से छुटकारा।
  3. चांदी का नाग-नागिन दान करें – कालसर्प दोष से राहत।
  4. शिवलिंग पर शहद अर्पित करें – वाणी में मधुरता और मनोकामना पूर्ति।

सावन का अंतिम सोमवार आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ दिन है। इस दिन भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करने से समस्त बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। सच्चे मन और श्रद्धा से की गई भक्ति शिव को बहुत प्रिय होती है।

इस अवसर पर आप भी व्रत करें, शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और “ॐ नमः शिवाय” का जाप करके अपने जीवन को शिवमय बना लें।

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर कई चीजें अर्पित की जाती हैं। हर चीज का अपना एक विशेष महत्व और फल होता है। अंतिम सोमवार

शिवलिंग पर चढ़ाई जाने वाली कुछ प्रमुख चीजें और उनका महत्व

जल: जलाभिषेक सबसे महत्वपूर्ण है। यह शिवजी को शीतलता प्दान करता है और सुख-समृद्धि लाता है।

बेलपत्र: यह भगवान शिव को बहुत प्रिय है। इसे चढ़ाने से तीन जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं।

दूध: शिवलिंग पर गाय का कच्चा दूध चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है। इससे रोग दूर होते हैं और मन को शांति मिलती है।

शहद: शहद चढ़ाने से रोग और कष्ट दूर होते हैं।

दही: दही चढ़ाने से जीवन में स्थिरता और सुख आता है।

घी: घी चढ़ाने से व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।

गन्ने का रस: गन्ने का रस चढ़ाने से भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।

अक्षत (साबुत चावल): अक्षत चढ़ाने से धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है। ध्यान रखें कि चावल टूटे हुए न हों।

काले तिल: काले तिल चढ़ाने से पितृ दोष शांत होता है और कष्टों का निवारण होता है।

धतूरा और भांग: ये चीजें भगवान शिव को बहुत प्रिय हैं। इन्हें चढ़ाने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

शमी के फूल: शमी के फूल चढ़ाने से मनचाहा वर प्राप्त होता है।

गंगाजल: गंगाजल चढ़ाने से धन प्राप्ति और मोक्ष के योग बनते हैं।

ध्यान रखने योग्य बातें

शिवलिंग पर हमेशा तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं।
तांबे के लोटे में कच्चा दूध चढ़ाना शुभ नहीं माना जाता है, इसके लिए स्टील के लोटे का उपयोग करें।
शिवलिंग पर तुलसी, केतकी के फूल, चमेली और लाल रंग के फूल नहीं चढ़ाए जाते हैं।
शंख से जल चढ़ाना भी वर्जित है।
पूजा करते समय “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें। अंतिम सोमवार

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