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मत्स्य पालन: ऑनलाइन आवेदन करें, जल्दी

मत्स्य पालन: उत्तर प्रदेश मत्स्य विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राज्य सेक्टर की विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाओं के तहत लाभार्थियों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं। सहायक निदेशक मत्स्य ने जानकारी देते हुए बताया कि इन योजनाओं का उद्देश्य राज्य में मत्स्य पालन को बढ़ावा देना और मछुआरा समुदाय को सशक्त बनाना है। इच्छुक आवेदक 24 जुलाई 2025 से 14 अगस्त 2025 तक विभाग के पोर्टल http://fisheries.up.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। यह अवसर मत्स्य पालकों और मछुआरों के लिए आय बढ़ाने और व्यवसाय को आधुनिक बनाने में सहायक होगा।
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प्रमुख योजनाएं जिनके लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं
इस वर्ष, मत्स्य विभाग कई महत्वपूर्ण योजनाओं के तहत सहायता प्रदान कर रहा है। ये योजनाएं मत्स्य पालन के विभिन्न पहलुओं को कवर करती हैं, जिसमें नई तकनीकों को अपनाना और बाजार तक पहुंच में सुधार करना शामिल है।
मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना: यह योजना मत्स्य पालन के समग्र विकास पर केंद्रित है, जिसमें तालाबों के निर्माण, मत्स्य बीज उत्पादन और अन्य संबंधित गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता शामिल हो सकती है। यह योजना मत्स्य उत्पादन को बढ़ाने और किसानों की आय में वृद्धि करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
निषादराज बोट सब्सिडी योजना: मछुआरों को आधुनिक नौकाएं खरीदने के लिए सब्सिडी प्रदान करके, यह योजना उनकी मछली पकड़ने की दक्षता को बढ़ाने और सुरक्षा में सुधार करने में मदद करती है। यह विशेष रूप से छोटे और सीमांत मछुआरों के लिए फायदेमंद है जो पारंपरिक तरीकों पर निर्भर हैं।
सघन मत्स्य पालन हेतु एरेशन सिस्टम की स्थापना: सघन मत्स्य पालन में पानी में ऑक्सीजन का स्तर बनाए रखना महत्वपूर्ण है। एरेशन सिस्टम की स्थापना के लिए सहायता प्रदान करके, विभाग मत्स्य पालकों को उच्च घनत्व पर मछली पालने और उत्पादन बढ़ाने में सक्षम बना रहा है, जिससे उनकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है।
उत्तर प्रदेश मत्स्य पालक कल्याण कोष योजनान्तर्गत विशेष पहल
उत्तर प्रदेश मत्स्य पालक कल्याण कोष योजना के तहत दो विशेष परियोजनाएं भी शामिल हैं, जो सीधे मछुआरों के कल्याण और उनके उत्पादों के विपणन से संबंधित हैं:
(1) मछली विक्रय हेतु मोपेड विद आइसबॉक्स परियोजना: यह परियोजना मछुआरों को ताजा मछली बाजार तक पहुंचाने में मदद करेगी। मोपेड पर लगे आइसबॉक्स यह सुनिश्चित करेंगे कि मछली अपनी गुणवत्ता बनाए रखे, जिससे मछुआरों को बेहतर मूल्य मिल सके। यह योजना विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के मछुआरों के लिए लाभकारी है जो दूरदराज के बाजारों तक पहुंचना चाहते हैं।
(2) अन्तर्राज्यीय भ्रमण दक्षता विकास, प्रदर्शनी और सेमिनारों के लिए मत्स्य पालकों / मछुआरों का प्रशिक्षण / भ्रमण कार्यक्रम: इस कार्यक्रम के तहत, मछुआरों को अन्य राज्यों में सफल मत्स्य पालन प्रथाओं को देखने और सीखने का अवसर मिलेगा। प्रदर्शनियों और सेमिनारों में भाग लेने से उन्हें नवीनतम तकनीकों और बाजार के रुझानों से अवगत होने में मदद मिलेगी, जिससे उनके कौशल का विकास होगा और व्यावसायिक दक्षता बढ़ेगी।
आवेदन प्रक्रिया और महत्वपूर्ण जानकारी
सहायक निदेशक मत्स्य ने स्पष्ट किया है कि प्रत्येक योजना के लिए अलग-अलग आवेदन करने होंगे। विस्तृत जानकारी जैसे परियोजना का विवरण, इकाई लागत, आवेदन करने की प्रक्रिया और आवश्यक संलग्नक विभागीय वेबसाइट http://fisheries.upsdc.gov.in पर उपलब्ध हैं। आवेदकों को सलाह दी जाती है कि वे आवेदन करने से पहले इन विवरणों को ध्यानपूर्वक पढ़ लें।
यह भी बताया गया है कि यदि भविष्य में इन योजनाओं में कोई संशोधन होता है, तो संशोधित प्रावधान लागू होंगे। उन आवेदकों को भी फिर से आवेदन करने का अवसर दिया जा रहा है जिनके आवेदन पूर्व के वर्षों में निरस्त हो गए थे या प्रतीक्षारत थे। किसी भी अतिरिक्त जानकारी या सहायता के लिए, आवेदक मत्स्य विभाग के जनपदीय कार्यालय में किसी भी कार्य दिवस में संपर्क कर सकते हैं।
यह पहल उत्तर प्रदेश सरकार की मत्स्य पालन क्षेत्र को मजबूत करने और राज्य के मछुआरा समुदाय के जीवन स्तर को ऊपर उठाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। समय पर आवेदन करके, योग्य व्यक्ति इन लाभकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं और अपने व्यवसाय को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं।
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