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अभ्युदय कोचिंग योजनाः प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग

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अभ्युदय कोचिंग योजनाः

Chief Minister’s Abhyudaya Coaching Scheme: समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित “मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग योजना” के अंतर्गत वर्ष 2025-26 के लिए एक ऐतिहासिक पहल का शुभारंभ हुआ। इस योजना के तहत प्रतिभावान, मेधावी, लगनशील और परिश्रमी छात्र-छात्राओं को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग प्रदान की जाएगी। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का उद्घाटन हाशमी गर्ल्स डिग्री कॉलेज, अमरोहा में एक गरिमापूर्ण समारोह में हुआ।

अभ्युदय कोचिंग योजनानिःशुल्क कोचिंग सेंटर उन विद्यार्थियों के लिए आशा की नई किरण लेकर आया है, जो आर्थिक बाधाओं के कारण महंगी कोचिंग सुविधाओं से वंचित रह जाते थे। अब तक 170 छात्र-छात्राओं ने इस योजना के तहत अपना पंजीकरण कराया है, जो नीट (NEET), यूपीएससी (UPSC), यूपीएसएसएससी (UPSSSC) और अन्य विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करेंगे। यह संख्या भविष्य में और बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि यह योजना अमरोहा के युवाओं के बीच तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रही है।

लक्ष्य, कड़ी मेहनत और आत्म-अनुशासन का महत्व

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जिलाधिकारी निधि गुप्ता वत्स ने उपस्थित सभी बच्चों को अपने प्रेरणादायक संबोधन से मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने अपने संबोधन में सफलता प्राप्त करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर जोर दिया, जो हर विद्यार्थी के लिए अनुकरणीय हैं:

एक लक्ष्य का निर्धारण: जिलाधिकारी ने दृढ़ता से कहा कि “सभी का एक लक्ष्य होना चाहिए, एक से अधिक लक्ष्य होगा तो सफलता किसी कीमत पर प्राप्त नहीं होगी।” उनका मानना था कि जीवन में स्पष्टता और दिशा का होना अत्यंत आवश्यक है। जब व्यक्ति एक निश्चित लक्ष्य निर्धारित कर लेता है, तो उसकी सारी ऊर्जा और प्रयास उसी दिशा में केंद्रित हो जाते हैं, जिससे सफलता की संभावनाएं कई गुना बढ़ जाती हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को अपने करियर के उद्देश्यों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करने के लिए प्रेरित किया।

परिवार की खुशी: उन्होंने विद्यार्थियों को भावनात्मक रूप से जोड़ते हुए कहा कि “यदि आप सफल होते हैं तो सबसे ज्यादा खुशी आपके परिवार को मिलती है।” यह कथन न केवल एक प्रेरणा स्रोत था, बल्कि यह भी दर्शाता था कि विद्यार्थियों की सफलता उनके व्यक्तिगत दायरे से बढ़कर उनके पूरे परिवार के लिए गौरव का क्षण होती है। इस बात ने विद्यार्थियों को अपने माता-पिता और परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का एहसास कराया।

कड़ी मेहनत (हार्ड वर्क): लक्ष्य निर्धारण के बाद, जिलाधिकारी ने कड़ी मेहनत को सफलता की कुंजी बताया। उन्होंने कहा, “फिर हार्ड वर्क सबसे आवश्यक है यदि आप स्वयं ठान लें कि हमें मेहनत करके यह कार्य पूर्ण करना है तो वह निश्चित रूप से सफल होगा।” उनका आशय था कि केवल इच्छा रखने से कुछ नहीं होगा, बल्कि उस इच्छा को साकार करने के लिए निरंतर और अथक परिश्रम आवश्यक है। उन्होंने विद्यार्थियों को अपने अध्ययन में लगन और समर्पण बनाए रखने की सलाह दी।

स्वयं-अध्ययन (सेल्फ स्टडी): जिलाधिकारी ने स्वयं-अध्ययन के महत्व पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा, “इसके साथ ही स्वयं अध्याय बहुत ही आवश्यक है क्योंकि आप सेल्फ स्टडी के द्वारा चिंतन मनन करेंगे तो निश्चित ही आपको सफलता प्राप्त होगी।” कोचिंग एक दिशा दे सकती है, लेकिन वास्तविक ज्ञान और समझ स्वयं के प्रयासों से ही आती है। सेल्फ-स्टडी के माध्यम से विद्यार्थी न केवल अपनी कमजोरियों को पहचानते हैं, बल्कि अपनी गति और शैली के अनुसार सीखते भी हैं। चिंतन-मनन की प्रक्रिया ज्ञान को गहरा और स्थायी बनाती है।

शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने की सलाह दी। “स्टडी के लिए सबसे पहले अपने शरीर का ध्यान रखना, समय पर खाना, समय पर और अच्छा खाना।” यह एक महत्वपूर्ण बिंदु था, क्योंकि अक्सर विद्यार्थी पढ़ाई के चक्कर में अपने स्वास्थ्य की उपेक्षा कर देते हैं। एक स्वस्थ शरीर ही एक स्वस्थ मस्तिष्क का आधार होता है, जो लंबे समय तक प्रभावी ढंग से अध्ययन करने के लिए आवश्यक है।

ईमानदारी और समर्पण: जिलाधिकारी ने विद्यार्थियों को ईमानदारी से कोचिंग करने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “धोखे में रखकर कोचिंग कभी मत करना। आप सोचो कि माता-पिता ने भेज दिया तो मजबूरी में जाना पड़ रहा है ऐसा नहीं होना चाहिए। यह आपके लिए है यदि आप सफल होते हैं तो बड़े होकर मां-बाप की पहचान उनके बच्चों से हो जाती है।” उन्होंने जोर दिया कि यह कोचिंग सुविधा विद्यार्थियों के अपने भविष्य के लिए है और उन्हें इसे पूरी लगन और समर्पण के साथ उपयोग करना चाहिए, न कि केवल औपचारिकता के तौर पर।

इस अवसर पर उपस्थित छात्र-छात्राओं ने जिलाधिकारी महोदया से अपनी तैयारी से संबंधित विभिन्न प्रश्न पूछे, जिनका उन्होंने धैर्यपूर्वक और संतोषजनक उत्तर देकर उनके संशय दूर किए। यह संवाद सत्र विद्यार्थियों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुआ, क्योंकि उन्हें अपने प्रश्नों के सीधे और सटीक उत्तर मिले। अभ्युदय कोचिंग योजना

प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका

हाशमी गर्ल्स कॉलेज के प्रबंधक सिराजुद्दीन हाशमी ने जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी और जिला समाज कल्याण अधिकारी को मोमेंटो देकर सम्मानित किया। यह सम्मान न केवल उनके आगमन के लिए एक आभार था, बल्कि यह भी दर्शाता था कि अमरोहा का शैक्षणिक समुदाय इस पहल को कितना महत्व देता है।

शिक्षा में समानता और गुणवत्ता पर जोर

मुख्य विकास अधिकारी अश्वनी कुमार मिश्र ने अपने संबोधन में मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग योजना के पीछे सरकार के उद्देश्य को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि “सरकार का प्रयास है गरीब या आर्थिक तंगी के कारण जो बच्चे कोचिंग नहीं कर पाते हैं उनके लिए अब मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग का शुभारंभ किया गया है।” यह दर्शाता है कि यह योजना न केवल शैक्षिक विकास पर केंद्रित है, बल्कि सामाजिक समानता और समावेशन को भी बढ़ावा देती है।

उन्होंने अभ्युदय कोचिंग योजना की गुणवत्ता पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि “इस कोचिंग में अच्छे शिक्षकों को चयनित किया गया है ताकि वह बच्चों को पढ़ाए और बच्चे चयनित होकर जनपद, देश और प्रदेश का नाम रोशन करें।” यह सुनिश्चित किया गया है कि विद्यार्थियों को सर्वोत्तम शिक्षा मिले ताकि वे न केवल प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल हों, बल्कि अपने क्षेत्र, राज्य और देश का नाम भी रोशन कर सकें।

मिश्र ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि “शिक्षक जो पढ़ाएंगे बच्चों को कंपटीशन के लिए पढ़ाएंगे और सभी बच्चों को मेहनत से पढ़ाई करनी है।” उन्होंने सभी शिक्षकों से आग्रह किया कि वे “बच्चों की गहराई को जानें” ताकि उनकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं और कमजोरियों को समझा जा सके और उन्हें प्रभावी ढंग से संबोधित किया जा सके। यह व्यक्तिगत ध्यान विद्यार्थियों की सीखने की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाएगा।

मिश्र ने यह भी घोषणा की कि “जनपद में जो अधिकारी किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं उन अधिकारियों द्वारा गेस्ट टीचर के लिए लेक्चर कराया जाया करेगा।” यह एक उत्कृष्ट कदम है, क्योंकि इससे विद्यार्थियों को उन अधिकारियों से सीखने का अवसर मिलेगा जिन्होंने स्वयं प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त की है। उनका अनुभव और मार्गदर्शन विद्यार्थियों के लिए अमूल्य होगा।

मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग योजना: एक दूरदर्शी पहल

मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग योजना उत्तर प्रदेश सरकार की एक दूरदर्शी पहल है, जिसका उद्देश्य राज्य के युवाओं को सशक्त बनाना और उन्हें उनके सपनों को पूरा करने में मदद करना है। यह योजना न केवल शिक्षा प्रदान करती है, बल्कि आत्मविश्वास, दृढ़ संकल्प और भविष्य के लिए आशा भी पैदा करती है। अमरोहा में इसका सफल शुभारंभ इस बात का प्रमाण है कि सही मार्गदर्शन, पर्याप्त संसाधनों और दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ, कोई भी बाधा दूर की जा सकती है।

यह अभ्युदय कोचिंग योजना सेंटर केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा मंच है जहां भविष्य के लीडर, डॉक्टर, इंजीनियर और सिविल सेवक आकार लेंगे। अभ्युदय कोचिंग योजना युवाओं को एक उज्जवल भविष्य की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और अंततः जनपद, प्रदेश और देश के विकास में योगदान देगा।

यह आयोजन एक शैक्षिक क्रांति की शुरुआत का प्रतीक है, जहां ज्ञान, अवसर और प्रेरणा एक साथ मिलकर युवाओं को उनके उच्चतम लक्ष्यों तक पहुंचने में मदद करेंगे। अमरोहा के लिए यह एक मील का पत्थर साबित होगा, जो शिक्षा के क्षेत्र में नए मानक स्थापित करेगा और अनगिनत जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा।

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