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भारतीय किसान यूनियन (असली) ने दी आंदोलन की चेतावनी
भारतीय किसान यूनियन (असली) ने ढवारसी बिजली घर पर पहुंचकर अधीक्षण अभियंता के नाम एक ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन एसएसओ जावेद अली को दिया गया, जिसमें किसानों ने बिजली से संबंधित कई महत्वपूर्ण समस्याओं का तत्काल समाधान करने की मांग की। यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि 20 जुलाई तक उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे बड़े पैमाने पर धरना प्रदर्शन शुरू करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी बिजली विभाग की होगी।
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भारतीय किसान यूनियन द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में मुख्य रूप से निम्नलिखित मांगें उठाई गई हैं:-
स्थायी जेई की नियुक्ति: ढवारसी बिजली घर पर एक स्थायी कनिष्ठ अभियंता (JE) की नियुक्ति की जाए, ताकि किसानों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए भटकना न पड़े।
अलग-अलग फीडर से बिजली आपूर्ति: प्रत्येक गांव को अलग-अलग फीडर से बिजली आपूर्ति की जाए। इससे एक गांव में समस्या होने पर अन्य गांवों की बिजली आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी और वितरण व्यवस्था बेहतर होगी।
सुनवारी गांव के पीटीडब्ल्यू को अलग करना: सुनवारी गांव के पीटीडब्ल्यू (Private Tube Well) को अलग फीडर से जोड़ा जाए, जिससे किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली मिल सके।
चंदन कोटा बिजलीघर का निर्माण: चंदन कोटा में प्रस्तावित 33/11 केवी बिजलीघर के लिए 2025-26 के बिजनेस प्लान में फंड स्वीकृत कर उसका निर्माण जल्द से जल्द शुरू किया जाए। यह क्षेत्र में बिजली आपूर्ति में सुधार के लिए महत्वपूर्ण है।
चचोरा से सीधी 33 हजार की लाइन: चचोरा से आने वाली 33 हजार की बिजली लाइन को सीधा बनवाया जाए, जिससे वोल्टेज की समस्या दूर हो और बिजली आपूर्ति में स्थिरता आए।
किसानों को 10 घंटे बिजली आपूर्ति: किसानों को प्रतिदिन कम से कम दस घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, विशेषकर सिंचाई के लिए।
ग्रामीण फीडर की लाइनें सूर्यास्त के बाद बंद न हों: ग्रामीण फीडर की लाइनों को सूर्यास्त के बाद बंद न किया जाए, जिससे किसानों को रात में भी खेती के कार्यों में सुविधा मिल सके।
इस अवसर पर भारतीय किसान यूनियन (असली) के कई प्रमुख सदस्य और किसान मौजूद रहे, जिनमें महिपाल सिंह, सत्येंद्र सिंह, प्रवेंद्र सिंह, प्रिंस कुमार, प्रशांत कुमार, बंटी सिंह, संदीप कुमार, मनोज वन, दीपक वन, प्रसोत्तम सिंह, धर्मेंद्र सिंह और देवेंद्र सिंह शामिल थे। यूनियन का कहना है कि वे किसानों के हकों के लिए लगातार संघर्ष करते रहेंगे।
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