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Collage Making: कोलाज प्रतियोगिता में छुटियों की यादें

Collage Making:- वेदांता ग्लोबल सीनियर सेकेंडरी स्कूल ढवारसी में कोलाज मेकिंग (Collage Making) प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसने युवा छात्रों को अपनी रचनात्मकता और छुट्टियों के यादगार लम्हों को साझा करने का अवसर प्रदान किया। इस प्रतियोगिता (Collage Making) में कक्षा तीन, चार और पांच के छात्र-छात्राओं ने भाग लेकर अपनी कलात्मक प्रतिभा का प्रदर्शन किया और ग्रीष्मकालीन अवकाश की सुखद यादों को जीवंत किया।
यादों को खूबसूरती से प्रस्तुत किया
विद्यालय के एक्टिविटी इंचार्ज अंशुल चहल और अनिरुद्ध त्यागी के नेतृत्व में इस प्रतियोगिता का संचालन किया गया। उन्होंने बच्चों को न केवल कोलाज बनाने की प्रक्रिया (Collage Making) में मार्गदर्शन प्रदान किया बल्कि उन्हें अपनी कल्पना को उड़ान देने के लिए भी प्रोत्साहित किया। इस प्रतियोगिता ने छात्रों के लिए अपनी भावनाओं को व्यक्त करने, अपनी यादों को साझा करने और एक-दूसरे के अनुभवों से जुड़ने का अवसर प्रदान किया।
प्रतियोगिता (Collage Making) का मुख्य आकर्षण बच्चों द्वारा बनाए गए कोलाज थे। उन्होंने अपनी पारिवारिक तस्वीरों और ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान पर्यटन स्थलों पर खींची गई तस्वीरों का उपयोग करके कला के अद्भुत नमूने तैयार किए। इन तस्वीरों के माध्यम से बच्चों ने अपनी छुट्टियों के रोमांचक अनुभवों, परिवार के साथ बिताए गए सुखद पलों और विभिन्न दर्शनीय स्थलों की यात्रा की यादों को खूबसूरती से प्रस्तुत किया। किसी ने समुद्र तट पर रेत के महलों की तस्वीर लगाई, तो किसी ने पहाड़ों की हरी-भरी वादियों की और किसी ने अपने परिवार के साथ हंसते-खेलते पलों को जीवंत किया।
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छुट्टियों की यादों को साझा करने का अवसर
इस गतिविधि का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह था कि इसने बच्चों को अपनी छुट्टियों की यादों को साझा करने का अवसर दिया। अक्सर छुट्टियाँ खत्म होने के बाद उनकी यादें केवल मन में रह जाती हैं। लेकिन इस प्रतियोगिता (Collage Making) के माध्यम से बच्चों को अपनी यादों को मूर्त रूप देने और उन्हें दूसरों के साथ साझा करने का एक रचनात्मक तरीका मिला। उन्होंने अपने दोस्तों और शिक्षकों के साथ अपनी कहानियाँ साझा की। बच्चों ने बताया कि कौन सी जगह उन्हें सबसे ज्यादा पसंद आई और उन्होंने वहाँ क्या-क्या मजेदार गतिविधियाँ कीं। इस प्रतियोगिता ने न केवल बच्चों के बीच बातचीत को बढ़ावा दिया बल्कि उन्हें एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने और प्रेरित होने का भी मौका दिया।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य अरुण कुमार शर्मा ने प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी छात्र-छात्राओं को उनकी कड़ी मेहनत और उत्साह के लिए शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने बच्चों की कलात्मक क्षमताओं और उनके प्रयासों की सराहना की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि यह प्रतियोगिता छात्रों के लिए अपनी कलात्मक प्रतिभा दिखाने का एक सुनहरा अवसर था। ऐसी गतिविधियाँ बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे न केवल उनकी रचनात्मकता को निखारती हैं बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाती हैं। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे कला और शिल्प गतिविधियाँ बच्चों की एकाग्रता को विकसित करने में मदद करती हैं।
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