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पेट्रोल डीजल

petrol-diesel price list: दुनियाभर में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है, जिसका सीधा असर भारत सहित कई देशों में पेट्रोल डीजल (Petrol Diesel price list) के दामों पर पड़ रहा है। हाल के दिनों में अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमत 76 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गई है, जबकि अमेरिकी बेंचमार्क डब्ल्यूटीआई भी 74.86 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया है। यह वृद्धि ऐसे समय में हुई है जब वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं मुद्रास्फीति और आर्थिक मंदी के दबाव से जूझ रही हैं। Petrol Diesel price list

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कुछ राज्यों में हल्की राहत

इस वैश्विक उठापटक के बीच, भारत के कुछ राज्यों, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और बिहार के चुनिंदा जिलों में पेट्रोल डीजल की कीमतों में मामूली कटौती देखने को मिली है, जिसने उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत दी है। Petrol Diesel price list

गाजियाबाद में पेट्रोल 12 पैसे सस्ता होकर ₹94.53 प्रति लीटर और डीजल 14 पैसे घटकर ₹87.71 प्रति लीटर हो गया है।

लखनऊ में भी पेट्रोल ₹94.57 और डीजल ₹87.67 प्रति लीटर पर बिक रहा है, दोनों में 12-14 पैसे की कमी दर्ज की गई है।

पटना में पेट्रोल 8 पैसे घटकर ₹105.61 और डीजल 7 पैसे सस्ता होकर ₹92.44 प्रति लीटर हो गया है। Petrol Diesel price list

यह मामूली कटौती ऐसे समय में आई है जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चा तेल महंगा हो रहा है, जिससे यह कटौती और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि यह राहत कितने समय तक बनी रहेगी। Petrol Diesel price list

प्रमुख महानगरों में वर्तमान दरें

भारत के अन्य प्रमुख महानगरों में पेट्रोल डीजल की कीमतें इस प्रकार हैं:
दिल्ली: पेट्रोल – ₹94.72, डीजल – ₹87.62
मुंबई: पेट्रोल – ₹103.44, डीजल – ₹89.97
चेन्नई: पेट्रोल – ₹100.76, डीजल – ₹92.35
कोलकाता: पेट्रोल – ₹104.95, डीजल – ₹91.76
ये कीमतें विभिन्न राज्यों और शहरों में अलग-अलग स्थानीय करों और शुल्कों के कारण भिन्न होती हैं।

कैसे तय होती हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें?

भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें हर दिन सुबह 6 बजे अपडेट की जाती हैं। इन दरों को तय करने में कई तत्वों की भूमिका होती है, जो अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमत से लेकर स्थानीय करों तक फैले हुए हैं।

कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत: यह सबसे महत्वपूर्ण कारक है। वैश्विक मांग और आपूर्ति, भू-राजनीतिक घटनाएँ और डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर सीधे कच्चे तेल की कीमत को प्रभावित करती हैं।

फ्रेट चार्ज: कच्चा तेल आयात किया जाता है, और इसे भारत लाने में लगने वाला शिपिंग शुल्क (फ्रेट चार्ज) भी अंतिम कीमत में जुड़ता है।

रिफाइनरी मार्जिन: कच्चा तेल रिफाइनरी में पेट्रोल और डीजल में परिवर्तित होता है। रिफाइनरी को इस प्रक्रिया के लिए एक निश्चित मार्जिन की आवश्यकता होती है।

एक्साइज ड्यूटी: यह केंद्र सरकार द्वारा लगाया जाने वाला उत्पाद शुल्क है।

डीलर कमीशन: पेट्रोल पंप मालिक को उनके संचालन और बिक्री के लिए एक कमीशन मिलता है।

राज्य सरकार का VAT (मूल्य वर्धित कर): यह राज्य सरकारों द्वारा लगाया जाने वाला एक कर है, जिसकी दरें हर राज्य में अलग-अलग होती हैं। यही वजह है कि एक ही समय में विभिन्न राज्यों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें अलग-अलग होती हैं।

इन्हीं सब खर्चों को जोड़कर हर शहर का अंतिम उपभोक्ता मूल्य (Retail Selling Price) तय होता है। यही कारण है कि भले ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड का रेट 76 डॉलर प्रति बैरल हो, पेट्रोल पंप पर यह लगभग दोगुने दाम पर बिकता है, क्योंकि इसमें विभिन्न कर और शुल्क शामिल होते हैं।

आगे क्या संकेत दे रहा है क्रूड मार्केट?

क्रूड मार्केट के मौजूदा संकेतों के अनुसार, यदि कच्चे तेल की कीमतें इसी तरह बढ़ती रहीं तो अगले कुछ हफ्तों में पेट्रोल और डीजल फिर से महंगे हो सकते हैं। वैश्विक तेल बाजार भू-राजनीतिक तनावों, प्रमुख उत्पादक देशों की उत्पादन नीतियों और वैश्विक आर्थिक विकास के संकेतों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। यदि आपूर्ति में कमी आती है या मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ती है, तो कीमतों में और वृद्धि हो सकती है, जिससे भारतीय उपभोक्ताओं पर एक बार फिर बोझ बढ़ सकता है।
सरकार और तेल कंपनियों को इन बदलते रुझानों पर कड़ी नज़र रखनी होगी ताकि उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले प्रभावों को कम किया जा सके।

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