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किसान सम्मान निधि: किसानों को आर्थिक मदद

pm kisan samman nidhi yojna: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना भारत सरकार द्वारा किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना का मुख्य लक्ष्य देश के छोटे और सीमांत किसानों को खेती संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने और उनकी आय में वृद्धि करने में मदद करना है। यह योजना केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्तपोषित है, जिसका अर्थ है कि इसका पूरा खर्च केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाता है।
पीएम-किसान सम्मान निधि योजना का प्राथमिक उद्देश्य देश के पात्र किसान परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत, पात्र किसान परिवारों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता सीधे उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की जाती है। यह राशि तीन समान किस्तों में, यानी हर चार महीने पर 2,000 रुपये की किस्त के रूप में दी जाती है। इस वित्तीय सहायता का उपयोग किसान अपनी खेती से संबंधित जरूरतों, जैसे बीज, खाद, उपकरण आदि की खरीद के लिए कर सकते हैं, जिससे उनकी फसल उत्पादन क्षमता में सुधार हो और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो।
योजना से किसानों को कई लाभ
आर्थिक स्थिरता: यह योजना किसानों को एक निश्चित आय प्रदान करके उनकी आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करती है, खासकर उन छोटे और सीमांत किसानों के लिए जो अक्सर मौसम की अनिश्चितताओं और बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित होते हैं।
कर्ज से मुक्ति: आर्थिक सहायता मिलने से किसानों को साहूकारों से कर्ज लेने की आवश्यकता कम हो जाती है, जिससे वे कर्ज के दुष्चक्र से बच सकते हैं।
खेती में निवेश: प्राप्त धनराशि का उपयोग किसान उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक और छोटे कृषि उपकरण खरीदने में कर सकते हैं, जिससे उनकी खेती की उत्पादकता बढ़ती है।
जीवन स्तर में सुधार: आर्थिक मदद से किसान अपने परिवार की बुनियादी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं और उनके जीवन स्तर में सुधार हो सकता है।
आत्मनिर्भरता: यह योजना किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करती है, जिससे वे अपनी कृषि गतिविधियों को बिना किसी बड़ी वित्तीय बाधा के जारी रख सकते हैं।
पात्रता मानदंड
पीएम-किसान योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ पात्रता मानदंड निर्धारित किए गए हैं। इन मानदंडों को पूरा करने वाले किसान ही इस योजना के लिए पात्र माने जाते हैं:
किसान परिवार की परिभाषा: योजना के तहत “किसान परिवार” में पति, पत्नी और 18 वर्ष से कम उम्र के नाबालिग बच्चे शामिल होते हैं।
भूमि स्वामित्व: लाभार्थी किसान परिवार के पास खेती योग्य भूमि का स्वामित्व होना आवश्यक है। भूमि का विवरण राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की सरकार द्वारा सुनिश्चित किया जाता है।
छोटे और सीमांत किसान: शुरुआत में, यह योजना उन किसान परिवारों के लिए थी जिनके पास 2 हेक्टेयर (लगभग 4.9 एकड़) तक की खेती योग्य भूमि थी। हालांकि, बाद में इस सीमा को हटा दिया गया और अब सभी भूमिधारक किसान परिवार इस योजना के लिए पात्र हैं, बशर्ते वे अन्य बहिष्करण मानदंडों को पूरा करते हों।
आय का मुख्य स्रोत कृषि: किसान की आय का मुख्य स्रोत कृषि होना चाहिए।
संस्थागत भूमिधारक नहीं: ऐसे किसान जिनके पास संस्थागत भूमि है, वे इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं।
उच्च आय वाले व्यक्ति नहीं: कुछ विशेष श्रेणियों के व्यक्ति इस योजना के लाभ के पात्र नहीं हैं, जैसे:
वर्तमान या पूर्व संवैधानिक पद धारक।
वर्तमान या पूर्व मंत्री, राज्य मंत्री, लोकसभा/राज्यसभा/राज्य विधान सभा/राज्य विधान परिषद के सदस्य, नगर निगमों के महापौर और जिला पंचायतों के अध्यक्ष।
केंद्र या राज्य सरकार के मंत्रालयों/कार्यालयों/विभागों और उनके क्षेत्र इकाइयों के सभी सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी और कर्मचारी (चतुर्थ श्रेणी/समूह डी कर्मचारियों को छोड़कर)।
सभी सेवानिवृत्त पेंशनभोगी जिनकी मासिक पेंशन 10,000 रुपये या उससे अधिक है (चतुर्थ श्रेणी/समूह डी कर्मचारियों को छोड़कर)।
पिछले मूल्यांकन वर्ष में आयकर का भुगतान करने वाले सभी व्यक्ति।
डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट, आर्किटेक्ट और अन्य पेशेवर जो पेशेवर निकायों के साथ पंजीकृत हैं और अपना पेशा करते हैं।
आवेदन प्रक्रिया:
पीएम-किसान योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाया गया है। किसान निम्नलिखित तरीकों से आवेदन कर सकते हैं:
ऑनलाइन पंजीकरण
सबसे पहले, पीएम-किसान की आधिकारिक वेबसाइट (pmkisan.gov.in) पर जाएं।
होमपेज पर “फार्मर्स कॉर्नर” (Farmers Corner) सेक्शन में “नया किसान पंजीकरण” (New Farmer Registration) विकल्प पर क्लिक करें।
अपना आधार नंबर, मोबाइल नंबर दर्ज करें और अपना राज्य चुनें।
आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी (OTP) भेजा जाएगा। सत्यापन के लिए ओटीपी दर्ज करें।
शेष विवरण जैसे नाम, जन्मतिथि, लिंग, पता, बैंक खाते का विवरण (खाता संख्या और IFSC कोड) और भूमि होल्डिंग जानकारी भरें।
आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
आवेदन सबमिट करें और भविष्य के संदर्भ के लिए पावती रसीद (Acknowledgement Receipt) सुरक्षित कर लें।
कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से:
किसान अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर भी पीएम-किसान योजना के लिए पंजीकरण करा सकते हैं। सीएससी ऑपरेटर किसानों को आवेदन प्रक्रिया पूरी करने में मदद करते हैं।
राज्य कृषि विभाग के माध्यम से:
राज्य कृषि विभाग भी गांवों में कैंप लगाकर किसानों को पीएम-किसान योजना के लिए आवेदन करने में मदद करते हैं। किसान इन कैंपों में जाकर भी आवेदन कर सकते हैं और यदि आवेदन में कोई त्रुटि है तो उसे भी सही करा सकते हैं।
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज
पीएम-किसान योजना के लिए आवेदन करते समय कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
आधार कार्ड
पैन कार्ड (अनिवार्य नहीं, लेकिन यदि उपलब्ध हो तो दें)
बैंक पासबुक (खाता संख्या और IFSC कोड के लिए)
खतौनी (भूमि स्वामित्व के दस्तावेज)
मोबाइल नंबर (योजना से संबंधित अपडेट प्राप्त करने के लिए)
पासपोर्ट साइज फोटो
ई-केवाईसी ऑनलाइन सीएससी केंद्र पर
पीएम-किसान योजना का लाभ लेने के लिए सभी लाभार्थियों को ई-केवाईसी (e-KYC) करना अनिवार्य है। यह ओटीपी आधारित ई-केवाईसी ऑनलाइन पीएम-किसान पोर्टल पर किया जा सकता है, या बायोमेट्रिक आधारित ई-केवाईसी नजदीकी सीएससी केंद्र पर कराया जा सकता है।
किसान अपने आवेदन की स्थिति या लाभार्थी सूची में अपना नाम जांचने के लिए पीएम-किसान पोर्टल पर “लाभार्थी स्थिति” (Beneficiary Status) विकल्प पर क्लिक कर सकते हैं और अपना पंजीकरण नंबर या पंजीकृत मोबाइल नंबर दर्ज करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
किसी भी सहायता के लिए इन नंबर्स पर संपर्क करें
किसी भी समस्या या सहायता के लिए किसान पीएम-किसान योजना के हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं:
पीएम किसान टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर: 1800 115 526
पीएम किसान हेल्पलाइन नंबर: 0120-6025109 / 155261
ईमेल: pmkisan-ict@gov.in
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